दोस्तों,
जब कोई आपसे पूछता है कि जीवन में आपका सबसे अच्छा प्रदर्शन कौन सा है, तो अधिकतर लोग उस पल को याद करते हैं जब वे सबसे ज्यादा चमके थे। लेकिन, इस सोच में एक बदलाव जरूरी है।
“सबसे अच्छा प्रदर्शन” कहने से यह संकेत मिलता है कि अब आप उससे बेहतर नहीं कर सकते। सफल लोग हर बेहतरीन प्रदर्शन को एक मील का पत्थर मानते हैं, अंतिम लक्ष्य नहीं। वे हमेशा अगले स्तर की उत्कृष्टता की ओर बढ़ते रहते हैं।
जब तक आप किसी विशेष क्षेत्र से संन्यास नहीं ले लेते या जीवन में पूरी तरह संतुष्ट नहीं हो जाते, तब तक अपने सबसे अच्छे प्रदर्शन को परिभाषित न करें। हर उपलब्धि को अगले विजय की सीढ़ी मानें।
निष्कर्ष के रूप में, जब तक आप खेल में हैं, कोई “सर्वश्रेष्ठ पारी” नहीं होती। सर्वश्रेष्ठ अभी आना बाकी है। यह सोच आपको निरंतर उत्कृष्टता की ओर प्रेरित करती रहेगी।
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